प्रो. (डॉ.) रिपु रंजन सिन्हा
वैश्विक नवाचार, शांति और सतत विकास के प्रवर्तक

भारत आज वैश्विक अनुसंधान और नवाचार के मानचित्र पर एक नया अध्याय लिख रहा है। हमारे देश की यह यात्रा न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि "विकसित भारत 2047" के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। आज जब दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति के दौर से गुजर रही है, भारत ने अपनी वैज्ञानिक क्षमता और नवाचार की शक्ति से वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है। भारत आज वैश्विक अनुसंधान और नवाचार के मानचित्र पर एक नया अध्याय लिख रहा है। हमारे देश की यह यात्रा न केवल तकनीकी प्रगति का प्रतीक है, बल्कि "विकसित भारत 2047" के सपने को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी है। आज जब दुनिया चौथी औद्योगिक क्रांति के दौर से गुजर रही है, भारत ने अपनी वैज्ञानिक क्षमता और नवाचार की शक्ति से वैश्विक समुदाय का ध्यान आकर्षित किया है।
बजट 2025 में नवाचार हेतु ₹20,000 करोड़ का आवंटन इस बात का प्रमाण है कि सरकार अनुसंधान और नवाचार को राष्ट्रीय प्राथमिकता मानती है। यह राशि विशेष रूप से डीप-टेक स्टार्टअप्स और भविष्य की तकनीकों के विकास में निवेश की जाएगी। अनुसंधान राष्ट्रीय अन्वेषण फाउंडेशन (ANRF): नई दिशाअनुसंधान राष्ट्रीय अन्वेषण फाउंडेशन (ANRF) की स्थापना भारत के वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में एक नया मील का पत्थर है। ANRF Act 2023 के तहत स्थापित यह संस्थान राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) की सिफारिशों के अनुरूप देश में वैज्ञानिक अनुसंधान की दिशा तय करने का काम करेगा।
ANRF की प्रमुख पहलें:
- प्रधानमंत्री अर्ली करियर रिसर्च ग्रांट: युवा शोधकर्ताओं को प्रोत्साहन
- एडवांस्ड रिसर्च ग्रांट (ARG): उच्च प्रभाव वाले शोध को समर्थन
- इन्क्लुसिविटी रिसर्च ग्रांट (IRG): अनुसूचित जाति/जनजाति के शोधकर्ताओं को विशेष सहायता
- नेशनल पोस्ट डॉक्टरल फेलोशिप: ₹80,000 मासिक फेलोशिप के साथ
एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस: भविष्य की तकनीक भारत ने तीन एआई सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (AI CoE) की स्थापना की है जो स्वास्थ्य सेवा, कृषि और स्थायी शहरों पर फोकस करते हैं। ₹990 करोड़ के कुल बजट के साथ पांच वर्षों (2023-24 से 2027-28) तक चलने वाली यह पहल "मेक एआई इन इंडिया और मेक एआई वर्क फॉर इंडिया" के विजन को साकार करेगी।
प्रमुख AI CoE केंद्र:
- स्वास्थ्य सेवा: AIIMS और IIT दिल्ली के नेतृत्व में
- कृषि: IIT रोपड़ की अगुवाई में
- स्थायी शहर: IIT कानपुर का नेतृत्व
अटल इनोवेशन लैब्स: युवा प्रतिभाओं का विकासअटल इनोवेशन मिशन (AIM) के तहत 10,000 अटल टिंकरिंग लैब्स की स्थापना भारत की शिक्षा व्यवस्था में नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा दे रही है। यह पहल 1.1 करोड़ छात्रों को लाभान्वित कर रही है और 722 जिलों में फैली हुई है।
AIM 2.0 की नई पहलें:
- भाषा समावेशी नवाचार कार्यक्रम (LIPI): 22 अनुसूचित भाषाओं में नवाचार केंद्र
- फ्रंटियर प्रोग्राम: 2500 नई ATL लैब्स अल्प सेवित क्षेत्रों में
- औद्योगिक एक्सेलेरेटर प्रोग्राम: 10 एक्सेलेरेटर की स्थापना
PLI आधारित R&D सुधार: विनिर्माण की नई क्रांतिप्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम ने भारत के विनिर्माण क्षेत्र में एक नई क्रांति का सूत्रपात किया है। ₹1.97 लाख करोड़ के परिव्यय के साथ 14 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में यह योजना लागू की गई है।
PLI की उपलब्धियां:
- ₹1.46 लाख करोड़ का वास्तविक निवेश
- ₹12.50 लाख करोड़ का उत्पादन और बिक्री
- 9.5 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार
- स्मार्टफोन निर्यात में 139% की वृद्धि
यूनिकॉर्न कंपनियों का उदय: स्टार्टअप इकोसिस्टम
भारत आज विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। 73 यूनिकॉर्न कंपनियों के साथ भारत की कुल वैल्यूएशन $185 बिलियन से अधिक है। 2025 में 11 नई कंपनियों ने यूनिकॉर्न क्लब में प्रवेश किया है।
शीर्ष यूनिकॉर्न कंपनियां:
- जेरोधा: $8.2 बिलियन (फिनटेक)
- रेजरपे और लेंसकार्ट: $7.5 बिलियन प्रत्येक
- ग्रो: $7.0 बिलियन (फिनटेक)
- जेप्टो: $5.9 बिलियन (ई-कॉमर्स)
भविष्य की राह: विकसित भारत 2047
"विज्ञान ही विकास का आधार है" - यह मंत्र भारत के भविष्य की दिशा निर्धारित करता है। आने वाले वर्षों में भारत को निम्नलिखित लक्ष्यों पर फोकस करना होगा:
दीर्घकालीन लक्ष्य:
- R&D निवेश को GDP का 2% तक बढ़ाना
- 100,000 पेटेंट वार्षिक का लक्ष्य हासिल करना
- ग्लोबल इनोवेशन इंडेक्स में टॉप 25 में स्थान
- 500 यूनिकॉर्न कंपनियों का लक्ष्य
- वैश्विक R&D केंद्र के रूप में भारत की स्थापना
एक नया भारत का सपना
भारत आज अनुसंधान और नवाचार के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत कर रहा है। ₹1 लाख करोड़ की RDI योजना, ANRF की स्थापना, AI CoE का विकास, अटल इनोवेशन लैब्स का विस्तार, और PLI स्कीम की सफलता - ये सभी पहलें मिलकर भारत को वैश्विक नवाचार मानचित्र पर एक प्रमुख स्थान दिलाने में सहायक हैं।
प्रो. रिपु रंजन सिन्हा जी के शब्दों में, "नवाचार केवल प्रगति का साधन नहीं, बल्कि राष्ट्रीय शक्ति की आधारशिला है।" यह दृष्टिकोण न केवल वैज्ञानिक समुदाय को प्रेरित करता है बल्कि पूरे देश को एक स्पष्ट दिशा भी प्रदान करता है।
आज जब भारत "विकसित भारत 2047" के सपने को साकार करने की दिशा में अग्रसर है, तो अनुसंधान और नवाचार की यह यात्रा हमारे राष्ट्रीय विकास की आधारशिला बनेगी। आइए, हम सभी मिलकर इस महत्वाकांक्षी लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपना योगदान दें और भारत को वैश्विक नवाचार महाशक्ति बनाने में अपनी भूमिका निभाएं।
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